Hardik, Rohit and Mumbai Indians – कौन सही कौन ग़लत।

Mumbai Indians-

Mumbai Indians के पास इस साल एक खतरनाक बल्लेबाजी का ग्रुप हैं, जिसमे विस्फोटक ओपनर ईशान किशन और रोहित शर्मा हैं, तीसरे नंबर पर टी20 इंटरनेशनल का नंबर एक बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव हैं, भारत का भविष्य तिलक वर्मा हैं, टिम डेविड और ब्रेविस सरीखे हिटर्स हैं। ऑलराउंडर के रूप में हार्दिक, कोएट्जी और रोमारिओ जैसे खिलाड़ी और बॉलिंग में बुमराह और मढ़वाल। तो फिर ऐसा क्या हैं की Mumbai Indians की टीम बिखरी बिखरी सी नज़र आती हैं। कभी रोहित चलते हैं तो बाकी टीम फुस्स, कभी सूर्या और ईशान चले तो रोहित नहीं चलते। और कभी सब चल भी जाये तो ना जाने कहा से जीता हुआ मैच भी टीम हार जाए।

मैं कप्तान या तू कप्तान-

Mumbai Indians के मैनेजमेंट ने टीम भले शानदार कड़ी कर दी हो मगर कही तो कोई कमी रही हैं।
क्या वो कमी कप्तानी हैं या कप्तान खुद। या फिर कमी हैं वह रवैया जिसमे आप अपने ऊपर किसी को देखना नहीं चाहते। CSK के साथ मैच हारने के बाद हार्दिक बातो ही बातो में कह गए कि CSK के पास एक खिलाड़ी हैं जो ऋतुराज को स्टंप के पीछे से सलाह देता हैं, बॉलरों को बताता हैं कब क्या करना हैं। मुश्किल परिस्थितयो में नए कप्तान को सलाह देता हैं। यहा वह महेंद्र सिंह धोनी की बात कर रहे थे। कही हार्दिक बातो ही बातो में यह तो नहीं बताना चाह रहे थे की उन्हें टीम से या टीम के सीनियर खिलाड़ियों से वो सपोर्ट नहीं मिल पा रहा हैं जिसकी उन्हें उम्मीद थी। हार्दिक बाहर से भले कितना हस के दिखा दे पर सच तो यह हैं की अंदर ही अंदर वह भी परेशान हैं और शायद सोच रहे होंगे की क्या करे। जब मन के अंदर द्वन्द हो तो किसी भी खिलाडी का परफॉर्म कर पाना मुश्किल हो जाता हैं।

Rohit Sharma-

यहाँ गलती मुंबई मैनेजमेंट की भी हैं। उन्हें चेन्नई की टीम मैनेजमेंट से कुछ सीख लेनी चाहिए की किस तरह एक कप्तान को ट्रीट किया जाना चाहिए। एक ऐसा कप्तान जिसने आपको 5 IPL ट्रॉफी दिलाई हो, जिसकी वजह से आपका फेनबेस चेन्नई जैसी टीम के फेनबेस को टक्कर दे पाया हो। ऐसे कप्तान को आप यूँही कप्तानी से निकाल दोगे तो यह सब तो होना ही था। एक टीम को अपना फेनबेस कमाने में सालो लगते हैं, और जब आप एक फ्रेंचाइजी हो तो आपको फैसले सोच समझके लेने होते हैं।

अब क्या?-

रोहित तो अगले साल किसी दूसरी टीम में आपको नज़र आ ही जायेंगे, और वह भी कप्तानी करते हुए। शायद परेशान होकर हार्दिक भी दूसरी टीम की और रुख कर ले। लेकिन Mumbai Indians को वही रहना हैं जहा वह आज हैं। लेकिन शायद उनके वह फैंस उन्हें अब वहा ना मिले।
शुरूआती 6 में से 4 मैच हारने के बाद शायद Mumbai Indians इस साल bottom of the टेबल ही फिनिश करे। हालांकि यहाँ शायद कुछ लोगो को लगता हो कि मुंबई तो शुरुआत में ऐसा ही खेलती हैं बाद में कवर कर लेगी जैसा की इतिहास में कई बार किया भी हैं। तो उन लोगो को बता दे की इस बार कप्तान अलग हैं, टीम का मूड अलग हैं, ये टीम अलग हैं।

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